बाड़मेर रिफाइनरी के लिए आज होगा एमओयू, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान रहेंगे मौजूद
बाड़मेर जिले के पचपदरा में रिफाइनरी के लिए आज पेट्रोलियम कॉपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के साथ एमओयू होने जा रहा है.
कांग्रेस सरकार में हुए एमओयू को घाटे का सौदा बता कर रद्द करने के बाद भाजपा सरकार अब नई शर्तों और राजस्थान के हित में अधिक लाभ के आधार पर एचपीसीएल के साथ करार कर रही है.
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, एचपीसीएल और गेल के चेयरमैन की मौजूदगी में आज होटल हिल्टन में एमओयू होगा. रिफाइनरी के साथ कोटा में सिटी गैस वितरण को लेकर भी गेल के साथ ही सहमति पत्र पर हस्ताक्षर होंगे.
ये भी पढ़ेंः बाड़मेर में बनेगी देश की पहली इको फ्रेंडली रिफाइनरी, ये होगी खासियत
आर्थिक भार कम करते हुए राजस्थान सरकार मंगलवार को नए सिरे से एचपीसीएल के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने वाली है. खास बात यह है कि एमओयू के तुरंत बाद काम शुरू होने की उम्मीद भी है.
राजस्थान सरकार के लिए वित्तीय लिहाज से नया एमओयू सीधे तौर पर 39195 करोड़ रुपए का फायदा करवाएगा. इसमें एचपीसीएल को 15 वर्ष तक दिए जाने वाले ब्याज मुक्त ऋण की राशि का अहम स्थान है. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे राजस्थान विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान कह चुकी हैं कि नए मसौदे से वित्तीय भार बेहद कम होगा. इन वर्षों में रिफाइनरी की लागत बढ़ने बावजूद वित्तीय भार दो तिहाई घटकर करीब 20 583 करोड़ रुपए रह जाएगा.
कांग्रेस सरकार के एमओयू से 2 तिहाई वित्तीय भार घटेगा
56040 करोड़ रुपए से घटकर होगा 16845 करोड़ रुपए
सरकार की ओर से खान एवं पेट्रोलियम सचिव अपर्णा अरोड़ा करेंगी हस्ताक्षर
एचपीसीएल की तरफ से रिफाइनरी निदेशक शिनॉय करेंगे हस्ताक्षर
90 लाख टन क्षमता की होगी रिफाइनरी
42 हजार करोड़ रुपए की लागत का अनुमान
एचपीसीएल बोर्ड ने मार्च 2013 में दी थी परियोजना का मंजूरी
केयर्न परियोजना से लिया जाएगा तेल
बाड़मेर जिले के पचपदरा में रिफाइनरी के लिए आज पेट्रोलियम कॉपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के साथ एमओयू होने जा रहा है.
कांग्रेस सरकार में हुए एमओयू को घाटे का सौदा बता कर रद्द करने के बाद भाजपा सरकार अब नई शर्तों और राजस्थान के हित में अधिक लाभ के आधार पर एचपीसीएल के साथ करार कर रही है.
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, एचपीसीएल और गेल के चेयरमैन की मौजूदगी में आज होटल हिल्टन में एमओयू होगा. रिफाइनरी के साथ कोटा में सिटी गैस वितरण को लेकर भी गेल के साथ ही सहमति पत्र पर हस्ताक्षर होंगे.
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आर्थिक भार कम करते हुए राजस्थान सरकार मंगलवार को नए सिरे से एचपीसीएल के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने वाली है. खास बात यह है कि एमओयू के तुरंत बाद काम शुरू होने की उम्मीद भी है.
राजस्थान सरकार के लिए वित्तीय लिहाज से नया एमओयू सीधे तौर पर 39195 करोड़ रुपए का फायदा करवाएगा. इसमें एचपीसीएल को 15 वर्ष तक दिए जाने वाले ब्याज मुक्त ऋण की राशि का अहम स्थान है. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे राजस्थान विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान कह चुकी हैं कि नए मसौदे से वित्तीय भार बेहद कम होगा. इन वर्षों में रिफाइनरी की लागत बढ़ने बावजूद वित्तीय भार दो तिहाई घटकर करीब 20 583 करोड़ रुपए रह जाएगा.
कांग्रेस सरकार के एमओयू से 2 तिहाई वित्तीय भार घटेगा
56040 करोड़ रुपए से घटकर होगा 16845 करोड़ रुपए
सरकार की ओर से खान एवं पेट्रोलियम सचिव अपर्णा अरोड़ा करेंगी हस्ताक्षर
एचपीसीएल की तरफ से रिफाइनरी निदेशक शिनॉय करेंगे हस्ताक्षर
90 लाख टन क्षमता की होगी रिफाइनरी
42 हजार करोड़ रुपए की लागत का अनुमान
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