कृृषि मंत्री ने दिए संयुक्त निदेशक और सहायक निदेशक को एपीओ करने के निर्देश
जयपुर। कृषि मंत्री डॉ. प्रभुलाल सैनी ने संयुक्त निदेशक कृृषि(रसायन) श्री भीमाराम को सॉयल टेस्टिंग लैब को समय पर रसायनों की आपूर्ति नहीं करने और सहायक निदेशक दूनी (टोंक) श्री चन्द्रभान सिंह चौहान को अपने कार्य में लापरवाही बरतने पर एपीओ करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सहायक निदेशक कृृषि कार्यालय दूनी (टोंक) में कार्यरत कनिष्ठ लिपिक श्री विनय को भी कार्य में लापरवाही बरतने पर एपीओ करने के निर्देश दिए हैं।
डॉ. सैनी ने मंगलवार को पंत कृृषि भवन में सॉयल हेल्थ कार्ड स्कीम की समीक्षा बैठक भी ली। उन्होंने इस बैठक में पीपीपी मोड पर चल रही सॉयल टेस्टिंग लैब्स की धीमी प्रगति पर असंतोष जाहिर किया। कृृषि मंत्री ने सॉयल टेस्टिंग लैब्स संचालित कर रही कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि वे एमओयू की शर्तों के अनुसार विश्लेषण कार्य सम्पादित करें। उन्होंने निदेशक कृृषि को निर्देशित किया कि वे इस योजना की व्यक्तिशः निगरानी रखें। जिन मृृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं द्वारा अनुबंध के आधार मृदा नमूनों की जांच नहीं की जा रही है, उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाए और अनके आवंटित लक्ष्यों को समाधवधि में पूरा किया जाए।
कृषि मंत्री ने निदेशक कृृषि को मुख्यालय से इन लैब्स में की जाने वाले रसायनों की आपूर्ति में हुए विलंब की जांच कर उत्तरदायित्व निर्धारण करने के भी निर्देश दिए। दूनी और देवली मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं से अभी तक कोई मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी नहीं किया, जिसे कृषि मंत्री द्वारा गंभीरता से लेते हुए अनुमोदित फर्मों से इन प्रयोगशालाओं को विभाग के अधीन लेकर विभागीय कार्मिकों से मृदा परीक्षण का कार्य कराकर कृषकों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
डॉ. सैनी के निर्देश पर निदेशक कृृषि ने तत्काल अतिरिक्त निदेशक कृृषि (अनुसंधान) और अतिरिक्त निदेशक कृृषि (विस्तार) की एक समिति बनाकर इस योजना के सभी पहलुओं की जांच करने के निर्देश दिए हैं। यह समिति कंपनियों के साथ हुए एमओयू की शर्तों की अनुपालना और शिथिलता के सम्बन्ध में जांच करेगी। समिति को निर्देशित किया गया है कि वह सभी तथ्यों की जांच करके योजना के क्रियान्वयन में जिस भी स्तर पर शिथिलता बरती गई है, उसका उत्तरदायित्व निर्धारण करेगी और 15 दिवस में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
कृषि मंत्री ने बताया कि प्रदेश में 70 लाख सॉयल हेल्थ कार्ड देने का लक्ष्य रखा गया था, जिसके विरूद्ध अब तक 41.72 लाख सॅायल हेल्थ कार्ड किसानों को दिए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि कुल 23.06 लाख नमूनों का विश्लेषण होना हैं, जिनके विरूद्ध अब तक 15 लाख नमूनों का विश्लेषण किए जा चुका है।
उन्होंने बताया कि 30 जून, 2017 तक सभी 70 लाख सॉयल हेल्थ कार्ड किसानों को वितरित कर दिए जाएंगे। बैठक में कृृषि निदेशक श्री अम्बरीश कुमार सहित विभाग के अतिरिक्त निदेशक, संयुक्त निदेशक और दौसा, जयपुर, टोंक एवं अजमेर के उपनिदेशक कृृषि(विस्तार) उपस्थित थे।
जयपुर। कृषि मंत्री डॉ. प्रभुलाल सैनी ने संयुक्त निदेशक कृृषि(रसायन) श्री भीमाराम को सॉयल टेस्टिंग लैब को समय पर रसायनों की आपूर्ति नहीं करने और सहायक निदेशक दूनी (टोंक) श्री चन्द्रभान सिंह चौहान को अपने कार्य में लापरवाही बरतने पर एपीओ करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सहायक निदेशक कृृषि कार्यालय दूनी (टोंक) में कार्यरत कनिष्ठ लिपिक श्री विनय को भी कार्य में लापरवाही बरतने पर एपीओ करने के निर्देश दिए हैं।
डॉ. सैनी ने मंगलवार को पंत कृृषि भवन में सॉयल हेल्थ कार्ड स्कीम की समीक्षा बैठक भी ली। उन्होंने इस बैठक में पीपीपी मोड पर चल रही सॉयल टेस्टिंग लैब्स की धीमी प्रगति पर असंतोष जाहिर किया। कृृषि मंत्री ने सॉयल टेस्टिंग लैब्स संचालित कर रही कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि वे एमओयू की शर्तों के अनुसार विश्लेषण कार्य सम्पादित करें। उन्होंने निदेशक कृृषि को निर्देशित किया कि वे इस योजना की व्यक्तिशः निगरानी रखें। जिन मृृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं द्वारा अनुबंध के आधार मृदा नमूनों की जांच नहीं की जा रही है, उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाए और अनके आवंटित लक्ष्यों को समाधवधि में पूरा किया जाए।
कृषि मंत्री ने निदेशक कृृषि को मुख्यालय से इन लैब्स में की जाने वाले रसायनों की आपूर्ति में हुए विलंब की जांच कर उत्तरदायित्व निर्धारण करने के भी निर्देश दिए। दूनी और देवली मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं से अभी तक कोई मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी नहीं किया, जिसे कृषि मंत्री द्वारा गंभीरता से लेते हुए अनुमोदित फर्मों से इन प्रयोगशालाओं को विभाग के अधीन लेकर विभागीय कार्मिकों से मृदा परीक्षण का कार्य कराकर कृषकों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
डॉ. सैनी के निर्देश पर निदेशक कृृषि ने तत्काल अतिरिक्त निदेशक कृृषि (अनुसंधान) और अतिरिक्त निदेशक कृृषि (विस्तार) की एक समिति बनाकर इस योजना के सभी पहलुओं की जांच करने के निर्देश दिए हैं। यह समिति कंपनियों के साथ हुए एमओयू की शर्तों की अनुपालना और शिथिलता के सम्बन्ध में जांच करेगी। समिति को निर्देशित किया गया है कि वह सभी तथ्यों की जांच करके योजना के क्रियान्वयन में जिस भी स्तर पर शिथिलता बरती गई है, उसका उत्तरदायित्व निर्धारण करेगी और 15 दिवस में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
कृषि मंत्री ने बताया कि प्रदेश में 70 लाख सॉयल हेल्थ कार्ड देने का लक्ष्य रखा गया था, जिसके विरूद्ध अब तक 41.72 लाख सॅायल हेल्थ कार्ड किसानों को दिए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि कुल 23.06 लाख नमूनों का विश्लेषण होना हैं, जिनके विरूद्ध अब तक 15 लाख नमूनों का विश्लेषण किए जा चुका है।
उन्होंने बताया कि 30 जून, 2017 तक सभी 70 लाख सॉयल हेल्थ कार्ड किसानों को वितरित कर दिए जाएंगे। बैठक में कृृषि निदेशक श्री अम्बरीश कुमार सहित विभाग के अतिरिक्त निदेशक, संयुक्त निदेशक और दौसा, जयपुर, टोंक एवं अजमेर के उपनिदेशक कृृषि(विस्तार) उपस्थित थे।