हममें से लगभग सभी ने यह पढ़ा या सुना होगा कि टेलीफोन का अाविष्कार अलेक्ज़ेंडर ग्राहम बेल ने किया था। कई किताबों में भी इसके बारे में बताया गया है।
लेकिन यह सही नहीं है। सच तो यह है कि उन्होंने टेलीफोन का अाविष्कार नहीं किया था बल्कि सबसे पहले इसका पैटेंट हासिल किया था।
ऐसा ग्राहम बेल ने 1876 में किया था क्योंकि उस वक्त दर्जनभर से ज्यादा लोग टेलीफोन के आइडिया पर काम कर रहे थे या टेलीफोन का इस्तेमाल कर रहे थे। जबकि इससे 16 साल पहले 1860 में एंटोनियो म्यूस्सी नाम के मैकेनिकल जीनियस ने टेलीफोन का इस्तेमाल शुरू कर दिया था। उन्होंने इसे ‘टेलीट्रोफोनो’ नाम दिया था।
म्यूस्सी को उनकी मौत के 113 साल बाद ‘फादर ऑफ मॉडर्न कम्युनिकेशन’ घोषित किया गया।
2002 में अमेरिकी कांग्रेस ने अलेक्जेंडर ग्राहम बेल की बजाय इस गरीब फ्लोरेंटाइन अप्रवासी म्यूसी को टेलीफोन के अाविष्कारक के तौर पर मान्यता दी।
इसमें एक प्रस्ताव पास किया गया, जिसमें कहा गया- 'सदन के सदस्यों के मुताबिक एंटोनियो म्यूस्सी के जीवन और उपलब्धियों को पहचान दिलाने की जरूरत है।
टेलीफोन के अाविष्कारक के तौर पर उन्हें मान्यता दी जाती है।' अखबार द गार्डियन के मुताबिक, म्यूस्सी को टेलीफोन के अाविष्कारक के तौर पर मान्यता दिलाने के लिए इतिहासकारों और इटालियन-अमेरिकियों ने लंबी लड़ाई लड़ी।
लेकिन यह सही नहीं है। सच तो यह है कि उन्होंने टेलीफोन का अाविष्कार नहीं किया था बल्कि सबसे पहले इसका पैटेंट हासिल किया था।
ऐसा ग्राहम बेल ने 1876 में किया था क्योंकि उस वक्त दर्जनभर से ज्यादा लोग टेलीफोन के आइडिया पर काम कर रहे थे या टेलीफोन का इस्तेमाल कर रहे थे। जबकि इससे 16 साल पहले 1860 में एंटोनियो म्यूस्सी नाम के मैकेनिकल जीनियस ने टेलीफोन का इस्तेमाल शुरू कर दिया था। उन्होंने इसे ‘टेलीट्रोफोनो’ नाम दिया था।
म्यूस्सी को उनकी मौत के 113 साल बाद ‘फादर ऑफ मॉडर्न कम्युनिकेशन’ घोषित किया गया।
2002 में अमेरिकी कांग्रेस ने अलेक्जेंडर ग्राहम बेल की बजाय इस गरीब फ्लोरेंटाइन अप्रवासी म्यूसी को टेलीफोन के अाविष्कारक के तौर पर मान्यता दी।
इसमें एक प्रस्ताव पास किया गया, जिसमें कहा गया- 'सदन के सदस्यों के मुताबिक एंटोनियो म्यूस्सी के जीवन और उपलब्धियों को पहचान दिलाने की जरूरत है।
टेलीफोन के अाविष्कारक के तौर पर उन्हें मान्यता दी जाती है।' अखबार द गार्डियन के मुताबिक, म्यूस्सी को टेलीफोन के अाविष्कारक के तौर पर मान्यता दिलाने के लिए इतिहासकारों और इटालियन-अमेरिकियों ने लंबी लड़ाई लड़ी।