- राजस्थान के किसानों के कल्याण के लिए प्रदेश में कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जो उनकी आय बढ़ाने में काफी लाभकारी साबित हो रही हैं। उन्हें वर्षा का पानी एकत्रित करने के लिए डिग्गी, फार्म पौण्ड, जल हौज, तलाई आदि के निर्माण पर सब्सिडी प्रदान की जा रहा है। राज्य में 26 जून, 2020 को जयपुर के निकट झोटवाड़ा पंचायत समिति क्षेत्र में कापड़ियावास गांव में 7.5 एचपी क्षमता के पहले अनुदानित सौर ऊर्जा पम्प सयंत्र का शुभारंभ किया।
कुसुम कम्पोनेंट 'बी' योजना
- मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2020-21 में 25 हजार सौर ऊर्जा पम्प संयंत्र लगाने के लिए 267 करोड़ रुपये की बजट घोषणा की थी।
- पीएम कुसुम कम्पोनेंट 'बी' योजना के माध्यम से जिन किसानों के पास सिंचाई के लिए कृषि विद्युत कनेक्शन नहीं है और वे डीजल इंजन पर निर्भर हैं, उन किसानों को अनुदान पर 3 एचपी क्षमता से 7.5 एचपी क्षमता तक के सौर ऊर्जा पम्प संयंत्र उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।
- योजना के अंतर्गत स्थापित किए जाने वाले सौर ऊर्जा पम्प संयंत्रों पर किसानों को 60 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। जिसमें केन्द्र व राज्य द्वारा 30-30 प्रतिशत अनुदान देय है। किसानों के हिस्से से लगने वाली 40 प्रतिशत राशि में से 30 प्रतिशत राशि तक के लिए बैंक से ऋण लिया जा सकता है।
- इस योजना से सिंचाई में जल बचत को बढ़ावा देने के लिए संसाधनों (ड्रिप, स्प्रिंकलर, ग्रीन हाउस, शेडनेट हाउस, पॉली हाउस) का उपयोग बढ़ेगा।
योजना के लिए पात्र किसान
- योजना के लिए वे किसान पात्र होंगे जिनके पास सिंचाई के लिए कृषि विद्युत कनेक्शन नहीं है और वे डीजल इंजन पर निर्भर हैं।
- किसान के पास स्वयं के भू-स्वामित्व में न्यूनतम 0.4 हैक्टेयर भूमि होने पर 3 एचपी क्षमता का सौर ऊर्जा पम्प संयंत्र, 0.75 हैक्टेयर भूमि होने पर 5 एचपी क्षमता का सौर ऊर्जा पम्प संयंत्र, 1 हैक्टेयर भूमि होने पर 7.5 एचपी क्षमता का सौर ऊर्जा पम्प संयंत्र और 1.5 हैक्टेयर भूमि होने पर 10 एचपी क्षमता का सौर ऊर्जा पम्प संयंत्र लगाने हेतु पात्र है।
- किसान के भू-स्वामित्व में सिंचाई हेतु जल संग्रहण ढांचा, डिग्गी, फार्म पौण्ड व जलहौज निर्धारित क्षमता का निर्मित होने पर भी योजना हेतु पात्र है।
- सिंचाई के लिए ड्रिप/मिनी स्प्रिंकलर/स्प्रिंकलर संयंत्र आवश्यक रूप से काम में लिया जाए।
- उच्च उद्यानिकी तकनीक जैसे ग्रीन हाउस/शेडनेट हाउस/लो-टनल्स आदि लेने वाले कृषक येाजना हेतु पात्र है।
प्रदेश में अब तक 18 हजार 808 पम्पों की आपूर्ति कर 17 हजार 530 सौर ऊर्जा पम्प संयंत्र स्थापित कर दिए गए हैं।
योजना का लाभ कैसे लें
- योजना का लाभ लेने के लिए प्रदेश के किसान अपने नजदीकी ई-मित्र केन्द्र पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
- जिसके लिए आधार कार्ड, जनआधार कार्ड, भूमि की जमाबंदी या पासबुक की प्रतिलिपि (भू-स्वामित्व) व सिंचाई जल स्रोत के दस्तावेज इत्यादि।
अधिक जानकारी के लिए विभागीय वेबसाइट पर जाएं : https://rajkisan.rajasthan.gov.in/Rajkisanweb/Kisan