भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) की एक रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान राज्य 7737.95 मेगावाट सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता करने के साथ कर्नाटक को पीछे छोड़ते हुए देश में पहले पायदान पर आ गया है।
एमएनआरई की रिपोर्ट में गुजरात 5708 मेगावाट क्षमता के साथ तीसरे, तमिलनाडु 4675 मेगावाट क्षमता के साथ चौथे तथा आंध्रप्रदेश 4380 मेगावाट के साथ पांचवे स्थान पर है।
कोविड की विषम परिस्थितियों के बावजूद विगत मात्र आठ माह में ही राजस्थान में 2348.47 मेगावाट नई सौर ऊर्जा की क्षमता स्थापित की गई है। इस अवधि में इस क्षेत्र में रिकॉर्ड 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश हुआ है।
इस नीति के तहत अप्रैल 2021 में प्रदेश में हाईब्रिड ऊर्जा के क्षेत्र में 34 हजार 200 करोड़ ?रुपये के कस्टमाइज्ड निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इनमें से अधिकतर सौर ऊर्जा से संबंधित हैं।
उल्लेखनीय है कि सौर ऊर्जा उत्पादन की दृष्टि से राजस्थान की अनुकूल भौगोलिक स्थितियों को देखते हुए प्रदेश में 142 गीगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का आंकलन किया गया है।
इस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में राज्य सरकार प्रभावी कदम उठा रही है और इसके लिए कारगर योजना बनाई गई है। योजना के तहत 2024-25 तक 30 गीगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जो देश के ऊर्जा परिदृश्य को पूरी तरह बदल देगा।