- 22 मई, 2022 प्रदेश की जनता एवं प्रकृति की प्रेमियों के लिए यादगार वाला रहा, इस दिन अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व का उद्घाटन और लोकार्पण किया। जो वन एवं वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।
आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व
- यह वन्य जीव संरक्षण एवं पर्यटन की दृष्टि से उपयोगी प्राकृतिक भूभाग है, जो राजधानी जयपुर के पूर्व में स्थित है। जो पहले लेपर्ड रिजर्व झालाना व नाहरगढ़ अभयारण्य के मध्य में स्थित है। यह वन क्षेत्र वन्य जीव संरक्षण एवं कॉरिडोर विकास की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- आमागढ़ 1524 हेक्टेयर में फैला वन क्षेत्र है। इससे लगते हुए आरक्षित वन खण्ड लालबेरी 112 हेक्टेयर क्षेत्र में स्थित है। इनका कुल क्षेत्रफल 1636 हेक्टेयर है यानी 28.6 किलोमीटर।
- आमागढ़ का प्रमुख जीव लेपर्ड है। जिनकी संख्या 15 है।
ये वन्य जीव बनेंगे पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र
- यहां अन्य वन्य जीवों में मुख्य मांसाहारी जीव हायना, जैकाल, जंगली बिल्ली, लोमड़ी व सिवेट कैट है।
- शाकाहारियों में सांभर, नीलगाय, खरगोश आदि है।
- यह वन क्षेत्र एक उष्णकटिबंधीय, मिश्रित/पतझड़/मानसूनी वन क्षेत्र है।
- यहां मुख्यत: रेतीले प्लेन एरिया में कुमठा, खेजड़ी, टोटलिस पहाड़ी के ढलान पर धौंक, गोया खैर और सालर आदि वनस्पति मौजूद है।
- इस वन क्षेत्र में क्षेत्रीय एवं माइग्रेटरी पक्षी सहित करीब 250 प्रकार की पक्षियों की प्रजातियां पायी जाती है।
- राष्ट्रीय पक्षी मोर, डव, मैना, तोता, तीतर, बैवलर, पैराकीट, रॉबिन, वुड पैकर, बुल-बुल, शिकरा आदि स्थानीय पक्षी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र है तो वहीं पिट्ठा, पैराडाइज पलाई कैचर, गोल्डन औरियल, पाइड कुक्कू, यूरेशियन कुक्कू, यूरेशियन रौलर, ओरियन्ट स्कूप आउल, पैलिड स्कूप आउल, नॉर्दन गौसौक, यूरेशियन स्पैरोहॉक आदि प्रवासी पक्षी हैं जो देश-विदेश के विभिन्न कोनों से प्रजनन व भोजन की तलाश में आते हैं।
- यहां ड्राइव का लुप्त लेने के साथ ही जंगली जीवों तेंदुआ, लकड़बग्घा, रेगिस्तानी लोमड़ी और अन्य जानवर के करतब एवं पक्षियों के कलरव की तस्वीरें ले सकते हैं, साथ ही किले एवं मंदिरों के दर्शन भी कर सकते है जिनमें प्रमुख है गलता मंदिर, आमागढ़ किला, रघुनाथ किला और अम्बामाता मंदिर।
ऑनलाइन टिकट बुकिंग की सुविधा उपलब्ध
- आमागढ़ की सफारी के लिए पर्यटक टिकट ऑनलाइन बुक करवा सकते हैं। इसके लिए पर्यटक https://sso.rajasthan.gov.in पर जाकर बुक कर सकते हैं।
- इसके साथ ही यहां की सफारी के लिए टिकट खिड़की और प्रवेश द्वार गलता मंदिर की ओर जाने वाली सड़क पर सिसोदिया रानी बाग के ठीक आगे स्थित है।
- इस क्षेत्र की सफारी के लिए सुबह और शाम दो पारियों का आयोजन किया जा रहा है।
अन्य रोचक बातें
- प्रदेश में जैव विविधता को बनाए रखने के लिए वर्ष 2010 में राजस्थान जैविक विविधता नियम की अधिसूचना जारी की।
- वर्तमान में प्रदेश में 3 राष्ट्रीय उद्यान, 27 वन्यजीव अभयारण्य, 16 कंजर्वेशन रिजर्व और 4 टाइगर रिजर्व प्रोजेक्ट हैं।
- राजस्थान में इको-टूरिज्म पॉलिसी-2021 लागू की गई है।
झालाना लेपर्ड रिजर्व
- यह रिजर्व क्षेत्र 1978 हेक्टेयर में फैला हुआ है।
- वन्य जीव संरक्षण के तहत किए गए प्रयासों के परिणामस्वरूप वर्ष 2017 के पश्चात झालाना लेपर्ड रिजर्व में लगातार लेपर्ड की संख्या बढ़ती जा रही हैं
- वर्ष 2018 में यहां लेपर्ड की संख्या करीब 20 थी जो वर्तमान में सम्पूर्ण क्षेत्र में करीब 40 हो गई है।
- जवाई लेपर्ड रिजर्व