- राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध करवाने के लिए 'मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना' की शुरूआत की। इस योजना के तहत प्रदेश में उद्योगों की स्थापना को आसान बनाने और राज्य के सभी वर्गों के व्यक्तियों को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराने के लिए बैंकों के माध्यम से ब्याज अनुदान युक्त ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है।
- यह योजना प्रदेशवासियों के लिए 17 दिसम्बर, 2019 को शुरू हो चुकी है और 31 मार्च, 2024 तक प्रभावी रहेगी।
योजना का प्रमुख उद्देश्य
- प्रदेश के लोगों द्वारा स्वयं के उद्यम (विनिर्माण, सेवा एवं व्यापार) की स्थापना अथवा स्थापित उद्योग के विस्तार, विविधीकरण या आधुनिकीकरण हेतु कम लागत पर ऋण उपलब्ध कराकर रोजगार के नए अवसरों का सृजन करना है।
- योजना के तहत बैंकों के माध्यम से विनिर्माण, सेवा एवं व्यापार आधारित उद्यम हेतु ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है।
पात्रता
- व्यक्तिगत आवेदक की न्यूनतम आयु 18 वर्ष या इससे अधिक होना आवश्यक है।
- स्वयं सहायता समूह या इन समूहों के समूह का राज्य सरकार के किसी विभाग के अंतर्गत दर्ज होना तथा भागीदारी फर्म, एल.एल.पी.फर्म एवं कंपनी की स्थिति में उनका नियमानुसार रजिस्ट्रेशन होना आवश्यक है।
- उक्त शर्तों के भीतर विभिन्न संस्थागत आवेदकों के लिए पात्रता, वरीयता आदि से संबंधित अन्य शर्तें उद्योग विभाग द्वारा निर्धारित की जाने वाली योजना के क्रियान्वयन की मार्गदर्शिका के अनुसार होंगी।
ऋण के उपलब्ध करवाने वाली संस्थाएं
मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत ऋण उपलब्ध करवाने वाली वित्तीय संस्थाएं निम्न हैं—
- राष्ट्रीयकृत वाणिज्यिक बैंक
- भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्राधिकृत निजी क्षेत्र के अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक तथा अनुसूचित स्मॉल फाईनेंस बैंक।
- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
- राजस्थान वित्त निगम
- सिडबी आदि
योजना क्रियान्वयन एजेंसी
- मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना का क्रियान्वयन उद्योग विभाग के अधीन जिलों में कार्यरत जिला उद्योग केन्द्रों के माध्यम से किया जाएगा। कार्यालय आयुक्त उद्योग राज्य स्तर पर योजना के क्रियान्वयन एवं पर्यवेक्षण हेतु नोडल एजेन्सी होगा।
ऋण सीमा और ब्याज अनुदान की दर
- इस योजनान्तर्गत वित्तीय संस्थानों द्वारा विनिर्माण, सेवा एवं व्यापार आधारित उद्यम की स्थापना, विस्तार, विविधीकरण एवं आधुनिकीकरण के उद्देश्य हेतु भूमि, सयंत्र एवं मशीन, वर्क शेड/भवन, फर्नीचर, उपकरण, कच्चे माल इत्यादि के लिए अधिकतम 10 करोड़ रुपये तक का ऋृण उपलब्ध करवाया जायेगा।
- योजना के अंतर्गत ऋण राशि के आधार पर निम्नानुसार 3 श्रेणियों में प्रदत्त ऋण का समय पर चुकारा करने पर निम्नानुसार ब्याज अनुदान देय होगा—
- 1. 25 लाख रुपए तक की ऋण राशि पर 8 प्रतिशत ब्याज अनुदान देय होगा।
- 2. 25 लाख रुपए से 5 करोड़ रुपए तक की ऋण राशि पर 6 प्रतिशत ब्याज अनुदान देय होगा।
- 3. 5 करोड़ से 10 करोड़ रुपए तक ऋण राशि पर 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान देय होगा।
ऋण संबंधी अन्य प्रावधान
- क. व्यापार हेतु ऋण की अधिकतम सीमा 1 करोड़ रुपए रहेगी। व्यापार से तात्पर्य वाणिज्यिक उत्पादों का थोक अथवा खुदरा क्रय—विक्रय है।
- ख. बुनकर कार्ड धारक बुनकरों के एक लाख रुपए तक के ऋण पर ब्याज का शत—प्रतिशत पुनर्भरण अनुदान के रूप में किया जाएगा।
- ग. यदि बैंक ऋण देय ब्याज दर उक्त दर के बराबर या उससे कम है, तो शत—प्रतिशत ब्याज अनुदान देय होगा।
- सम्पार्श्विक प्रतिभूति (collateral security) मुक्त ऋृण को प्रोत्साहन - भारतीय रिर्जव बैंक के दिशा-निर्देशानुसार 10 लाख रुपए तक के ऋण पर सम्पार्श्विक प्रतिभूति की मांग नहीं की जायेगी तथा सभी प्रकार के ऋण प्रकरणों को आवश्यकतानुसार वित्तीय संस्थान द्वारा Credit Guarantee Trust Fund For Micro and Small Enterprises (CGTMSE) योजना से जोड़ा जा सकेगा। इसमें फीस की राशि का वहन लाभार्थी द्वारा किया जायेगा तथा मुद्रा योजना में होने पर यथास्थिति उस योजना में वहन किया जायेगा।
ऋण अवधि एवं अदायगी अवधि में छूट
- इस योजना में बैंकों द्वारा दिया जाने वाले ऋण पर ब्याज अनुदान की अधिकतम अवधि 5 वर्ष होगी।
- बैंक ऋण की कुल अवधि 5 वर्ष से अधिक हो सकती है, ऐसी स्थिति में ब्याज अनुदान मात्र 5 वर्ष तक ही देय होगा।
- बैंकों द्वारा ऋणी को अधिकतम 6 माह की अवधि तक ऋण अदायगी में शिथिलता प्रदान की जा सकेगी, जो उद्यम की प्रकृति/लाभप्रदता एवं ऋणी की पुर्नभुगतान क्षमता के आधार पर बैंकों द्वारा निश्चित की जाएगी।
- ऋण अदायगी की शिथिलता अवधि में भी ब्याज राशि के नियमित भुगतान पर योजना अंतर्गत ब्याज अनुदान देय होगा।
आवेदन प्रक्रिया एवं योजना का क्रियान्वयन
- योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन करें।
- योजना में आवेदन की सरलता तथा उनकी कार्ययोजना के बेहतर परिणाम के लिए प्रत्येक जिला उद्योग केन्द्र में प्रत्येक माह के निर्धारित दिन मार्गदर्शन के लिए शिविर लगाया जाता है। इसमें उन्हें न केवल योजना संबंधी जानकारी दी जाएगी अपितु बिना किसी मध्यस्त के स्वयं आवेदन भरने एवं अनुकूल प्रोजेक्ट तैयार करने की कार्यशाला भी रखी जाएगी, इसमें आवश्यकतानुसार विशेषज्ञों का भी सहयोग लिया जा सकेगा।
- योजना में ब्याज अनुदान भुगतान प्रक्रिया को सरलीकृत एवं पूर्णत: कम्पयूटरीकृत किए जाने हेतु भुगतान की ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
- ऑनलाइन व्यवस्था हेतु नोडल वित्तीय संस्थान को अनुदान पेटे अग्रिम राशि भुगतान का प्रावधान रखा जा सकेगा एवं इस व्यवस्था के संचालन हेतु व्यय का भुगतान भी किया जा सकेगा।
- ऋणों का उनके क्षेत्र, वर्ग एवं उद्देश्य अनुसार समुचित उपयोग एवं मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक वैल्यूएशन या वैरिफिकेशन कराया जा सकता है, जिसमें प्रक्रिया ऑनलाइन होगी।
निर्बन्धन एवं शर्तें
- योजना अंतर्गत ऋण राशि का उपयोग उसी कार्य हेतु किया जा सकेगा, जिसके लिए ऋण स्वीकृत किया गया है।
- ब्याज अनुदान सहायता, उद्यम द्वारा ऋण के समय पर पुनर्भुगतान करने पर देय होगी।
- ऑनलाइन अनुदान भुगतान संबंधित जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक के प्रमाणन/मान्यकरण प्रश्चात् किया जा सकेगा।
अपात्र गतिविधियां
- योजना के अंतर्गत निम्न गतिविधियां अपात्र होगी—
- 1. मांस, मदिरा व मादक पदार्थों से बने उत्पादों का निर्माण व विक्रय
- 2. विस्फोटक पदार्थ
- 3. परिवाहन वाहन, जिसकी ऑन—रोड कीमत 10 लाख रुपए से अधिक हो
- 4. पुन:चक्रित न किए जा सकने वाले पॉलिथीन व पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले प्लास्टिक उत्पाद
- 5. भारत सरकार/राज्य सरकार द्वारा समय—समय पर प्रतिबंधित उत्पाद/गतिविधियां।
मुख्यमंत्री लघु उद्यम प्रोत्साहन योजना में हाल में कई संशोधन किए गए है ताकि प्रदेश के युवाओं को उद्यम के लिए ऋण प्राप्त करना आसान हो सके।