पीएम कुसुम कम्पोनेंट 'बी' योजना
- मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2020-21 में 25 हजार सौर ऊर्जा पम्प संयंत्र लगाने के लिए 267 करोड़ रुपये की बजट घोषणा की थी। पीएम कुसुम कम्पोनेंट 'बी' योजना के माध्यम से जिन किसानों के पास सिंचाई के लिए कृषि विद्युत कनेक्शन नहीं है और वे डीजल इंजन पर निर्भर हैं, उन किसानों को अनुदान पर 3 एचपी क्षमता से 7.5 एचपी क्षमता तक के सौर ऊर्जा पम्प संयंत्र उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। योजना के अंतर्गत स्थापित किए जाने वाले सौर ऊर्जा पम्प संयंत्रों पर किसानों को 60 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। किसानों के हिस्से से लगने वाली 40 प्रतिशत राशि में से 30 प्रतिशत राशि तक के लिए बैंक से ऋण लिया जा सकता है।
- इस योजना से सिंचाई में जल बचत को बढ़ावा देने के लिए संसाधनों (ड्रिप, स्प्रिंकलर, ग्रीन हाउस, शेडनेट हाउस, पॉली हाउस) का उपयोग बढ़ेगा।
पात्रता
- योजना के लिए वे किसान पात्र होंगे जिनके पास सिंचाई के लिए कृषि विद्युत कनेक्शन नहीं है और वे डीजल इंजन पर निर्भर हैं।
- किसान के पास स्वयं के भू-स्वामित्व में न्यूनतम 0.4 हैक्टेयर भूमि होने पर 3 एचपी क्षमता का सौर ऊर्जा पम्प संयंत्र, 0.75 हैक्टेयर भूमि होने पर 5 एचपी क्षमता का सौर ऊर्जा पम्प संयंत्र, 1 हैक्टेयर भूमि होने पर 7.5 एचपी क्षमता का सौर ऊर्जा पम्प संयंत्र और 1.5 हैक्टेयर भूमि होने पर 10 एचपी क्षमता का सौर ऊर्जा पम्प संयंत्र लगाने हेतु पात्र है।
- किसान के भू-स्वामित्व में सिंचाई हेतु जल संग्रहण ढांचा, डिग्गी, फार्म पौण्ड व जलहौज निर्धारित क्षमता का निर्मित होने पर भी योजना हेतु पात्र है।
- सिंचाई के लिए ड्रिप/मिनी स्प्रिंकलर/स्प्रिंकलर संयंत्र आवश्यक रूप से काम में लिया जाए।
- उच्च उद्यानिकी तकनीक जैसे ग्रीन हाउस/शेडनेट हाउस/लो-टनल्स आदि लेने वाले कृषक येाजना हेतु पात्र है।
कहां से करें योजना के लिए आवेदन
- योजना का लाभ लेने के लिए प्रदेश के किसान अपने नजदीकी ई-मित्र केन्द्र पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। जिसके लिए आधार कार्ड, जनआधार कार्ड, भूमि की जमाबंदी या पासबुक की प्रतिलिपि (भू-स्वामित्व) व सिंचाई जल स्रोत के दस्तावेज इत्यादि।
- योजना संबंधी अधिक जानकारी विभागीय वेबसाइट https://rajkisan.rajasthan.
gov.in/Rajkisanweb/Kisan पर जाकर प्राप्त की जा सकती है।