प्रस्ताव के अनुसार इस कोष का संचालन निदेशक, बीमा विभाग द्वारा किया जाएगा। इसके लिए नया बजट मद खोला जाएगा तथा कोष के तहत योजनाओं की स्वीकृति की प्रक्रिया पृथक से निर्धारित की जाएगी।
प्रस्ताव के अनुसार इस कोष के माध्यम से राज्य में सेवारत एवं सेवानिवृत कर्मचारियों के कल्याण के लिए जिन नई योजनाओं को लागू किया जाएगा, इनमें राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना (RGHS) में अंशदान, आवास ऋण, उच्च अध्ययन के लिए ऋण, व्यक्तिगत ऋण, कामकाजी महिलाओं के लिए काार्यालयों में क्रेच, वाहन ऋण एवं अल्प वेतन भोगी कार्मिकों के बच्चों के लिए प्रतिभावान स्कॉलरशिप आदि विभिन्न योजनाएं शामिल हैं।
कर्मचारी कल्याण कोष के गठन का उद्देश्य कर्मचारी कल्याण और सामाजिक सहायता के साथ-साथ राजकार्य का बेहतर निष्पादन करना भी है। ऐसे में राज्य सरकार इस कोष के माध्यम से कर्मचारी कल्याण के लिए भविष्य में आवश्यकतानुसार अन्य अतिरिक्त सेवाएं भी सशुल्क अथवा नि:शुल्क उपलब्ध करवा सकती है।
साथ इस कोष के माध्यम से 15 लाख रुपये की अधिकतम सीमा तक 10 वर्ष तक की अवधि के लिए आवास ऋण, पुत्र-पुत्री अथवा आश्रित के लिए देश-विदेश में उच्च शिक्षा के लिए 5 लाख रुपये की अधिकतम सीमा तक 5 वर्ष तक की अवधि के लिए उच्च अध्ययन ऋण, आकस्मिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए 3 लाख रुपये की अधिकतम सीमा तक 5 वर्ष तक की अवधि के लिए व्यक्तिगत ऋण और 5 लाख रुपये की अधिकतम सीमा तक 5 वर्ष की अवधि के लिए वाहन ऋण आदि उपलब्ध कराए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि राज्य कार्मिकों एवं पेंशनरों को राजकीय अस्पतालों के साथ-साथ अनुमोदित प्राइवेट अस्पतालों में बेहतर एवं गुणवत्तापूर्वक विशेषज्ञ चिकित्सा सेवाएं कैशलेस उपलब्ध करवाने के लिए RGHS योजना शुरू की गई है। इस योजना के लिए राज्य सरकार के अंशदान का वित्तपोषण निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार इस कोष से किया जा सकेगा।