राजस्थान की भामाशाह
योजना महिला सशक्तीकरण की
महत्त्वपूर्ण कड़ी बन रही है
जयपुर। राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे द्वारा महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से एक लोक कल्याणकारी कदम के रूप में भामाशाह योजना का शुभारम्भ 15 अगस्त,2014 को किया गया। खुशहाल एवं विकसित राजस्थान के निर्माण की मनोभावना के साथ प्रत्यक्ष लाभ हस्तान्तरण हेतु भामाशाह योजना का शुभारंभ देश में सर्वप्रथम मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के मार्ग दर्शन में राजस्थान में वर्ष 2008 में किया गया था।
राज्य की इस लोक कल्याणकारी भामाशाह योजना को महिला सशक्तीकरण, वित्तीय समावेशन, नकद एवं गैर नकद लाभों को पूर्ण पारदर्शिता एवं प्रभावी वितरण के साथ लाभार्थियों तक पहुंचाने के लिए एकल प्लेटफार्म के रूप में संरचित कर पुनः प्रारंभ किया गया है। भामाशाह योजना के लाभार्भियों में राज्य का प्रत्येक नागरिक किसी न किसी रूप में शामिल है। यह सुखद है कि भामाशाह योजना के प्रारंभ होने से राजस्थान देश का पहला ऎसा राज्य बन गया है जहां प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के तहत सभी सरकारी योजनाओं के नकद व गैर नकद लाभ को सीधे व पारदर्शी रूप से वितरित किया जा रहा है।
साथ ही पहली बार किसी राज्य में महिलाओं की स्थिति सुदृढ़ करने के लिए परिवार की महिला को मुखिया बनाकर उसके नाम से ही भामाशाह कार्ड बनाने एवं उसी के नाम से बैंक खाता खोलने का महत्वाकांक्षी कार्य किया जा रहा है।
भामाशाह योजना का उद्देश्य महिला सशक्तीकरण और सभी सरकारी योजनाओं के नकद व गैर नकद लाभ सीधे व पारदर्शी रूप से वितरित करने के अलावा प्रत्येक नामांकित परिवार को भामाशाह पहचान व बहुउद्देशीय कार्ड जारी करना एवं राज्य के निवासियों को घर के पास ही बैंकिंग सेवा उपलब्ध करवाने के लिए सभी परिवारों के कोर बैंकिंग सुविधा समर्थ बैंक खुलवाना है। साथ ही राज्य के सभी परिवारों की मैंपिंग करके एक स्थायी भामाशाह डाटा हब का सृजन करवाया जा रहा है जिससे किसी भी योजना में पात्रता निर्धारण हेतु राज्य के सभी निवासियों की सम्पूर्ण सूचनाओं का एक मात्र विश्वसनीय डेटा स्रोत उपलब्ध हो सके। वर्तमान में भामाशाह योजना से सामाजिक सुरक्षा पेंशन, राशन वितरण, नरेगा भुगतान, भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना, जननी सुरक्षा योजना, छात्रवृत्ति इत्यादि योजना को जोड़ा जा चुका है तथा अन्य योजनाओं की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
राज्य सरकार के सुनियोजित लोक कल्याणकारी प्रयासों के फलस्वरूप भामाशाह योजना के तहत अब तक 132 लाख से अधिक परिवारों तथा 473 लाख से अधिक व्यक्तियों का नामांकन किया जा चुका है तथा 5181 करोड़ रुपये से अधिक की राशि विभिन्न योजनाओं के तहत लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे हस्तांतरित की जा चुकी है एवं लगभग 23 हजार 500 माइक्रो एटीमए, बैंकिंग संवाददाता एवं ई-मित्रों के माध्यम से घर के नजदीक नकद आहरण की सुविधा प्राप्त हो रही है तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली की लगभग 25 हजार उचित मूल्य की दूकानों पर रसद सामग्री का वितरण ईपीडीएस के माध्यम से हो रहा है। प्रदेश के सभी परिवारों का भामाशाह नामांकन ई-मित्र केन्द्रों पर निःशुल्क किया जा रहा है। इतना ही नहीं बल्कि इसमें नामांकित सभी बीपीएल, स्टेट बीपीएल, अन्त्योदय व अन्नपूर्णा में चयनित परिवारों की महिला मुखिया के बैंक खाते में 2000 रुपये सहायता राशि के रूप में प्रदान की जा रही है जिससे वे भी बैंकिंग व्यवस्था को भली भांति समझ सकें।
भामाशाह योजना के अन्तर्गत मिलने वाले सभी नकद और गैर नकद लाभ बिना किसी विलम्ब और परेशानियों के पूर्ण पारदर्शिता के साथ सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जमा होते हैं। जिसे घर के नजदीकी बैंक, बैंकिंग संवादकर्ता माइक्रो अथवा एटीएम मशीन एवं ई-मित्र से आहरित किया जा सकता है। लाभार्थी के हर राजकीय वित्तीय लेन-देन की सूचना लाभार्थी के मोबाइल पर उपलब्ध करवाई जाती है। भामाशाह कार्ड बायो-मैट्रिक सहित कोर बैंकिंग का सुनिश्चित करता है। बैंक खाते से राशि लाभार्थी के अलावा किसी अन्य द्वारा निकाला जाना संभव नहीं है। भामाशाह योजना के माध्यम से राज्य के नागरिकों को हर संभव राहत देने का सतत् प्रयास किया जा रहा है।
आमजन तक योजना का लाभ पहुंचाने के लिए राज्य में संचालित 40 हजार से अधिक ई-मित्र केन्द्रों को स्थायी नामांकन केन्द्र घोषित कर इन केन्द्रों पर भामाशाह नामांकन अद्यतन, कार्ड वितरण, बैंकिंग आदि की अनेक सुविधाएं प्रदान की जा रही है। नरेगा भुगतान से लेकर पेंशन, छात्रवृति व अन्य लोक कल्याणकारी योजनाओं की राशि भी इन सभी केन्द्रोें पर आवश्यकतानुसार प्राप्त की जा सकती है। इस प्रकार भामाशाह योजना खुशहाल राजस्थान के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रही है।
जयपुर। राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे द्वारा महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से एक लोक कल्याणकारी कदम के रूप में भामाशाह योजना का शुभारम्भ 15 अगस्त,2014 को किया गया। खुशहाल एवं विकसित राजस्थान के निर्माण की मनोभावना के साथ प्रत्यक्ष लाभ हस्तान्तरण हेतु भामाशाह योजना का शुभारंभ देश में सर्वप्रथम मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के मार्ग दर्शन में राजस्थान में वर्ष 2008 में किया गया था।
राज्य की इस लोक कल्याणकारी भामाशाह योजना को महिला सशक्तीकरण, वित्तीय समावेशन, नकद एवं गैर नकद लाभों को पूर्ण पारदर्शिता एवं प्रभावी वितरण के साथ लाभार्थियों तक पहुंचाने के लिए एकल प्लेटफार्म के रूप में संरचित कर पुनः प्रारंभ किया गया है। भामाशाह योजना के लाभार्भियों में राज्य का प्रत्येक नागरिक किसी न किसी रूप में शामिल है। यह सुखद है कि भामाशाह योजना के प्रारंभ होने से राजस्थान देश का पहला ऎसा राज्य बन गया है जहां प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के तहत सभी सरकारी योजनाओं के नकद व गैर नकद लाभ को सीधे व पारदर्शी रूप से वितरित किया जा रहा है।
साथ ही पहली बार किसी राज्य में महिलाओं की स्थिति सुदृढ़ करने के लिए परिवार की महिला को मुखिया बनाकर उसके नाम से ही भामाशाह कार्ड बनाने एवं उसी के नाम से बैंक खाता खोलने का महत्वाकांक्षी कार्य किया जा रहा है।
भामाशाह योजना का उद्देश्य महिला सशक्तीकरण और सभी सरकारी योजनाओं के नकद व गैर नकद लाभ सीधे व पारदर्शी रूप से वितरित करने के अलावा प्रत्येक नामांकित परिवार को भामाशाह पहचान व बहुउद्देशीय कार्ड जारी करना एवं राज्य के निवासियों को घर के पास ही बैंकिंग सेवा उपलब्ध करवाने के लिए सभी परिवारों के कोर बैंकिंग सुविधा समर्थ बैंक खुलवाना है। साथ ही राज्य के सभी परिवारों की मैंपिंग करके एक स्थायी भामाशाह डाटा हब का सृजन करवाया जा रहा है जिससे किसी भी योजना में पात्रता निर्धारण हेतु राज्य के सभी निवासियों की सम्पूर्ण सूचनाओं का एक मात्र विश्वसनीय डेटा स्रोत उपलब्ध हो सके। वर्तमान में भामाशाह योजना से सामाजिक सुरक्षा पेंशन, राशन वितरण, नरेगा भुगतान, भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना, जननी सुरक्षा योजना, छात्रवृत्ति इत्यादि योजना को जोड़ा जा चुका है तथा अन्य योजनाओं की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
राज्य सरकार के सुनियोजित लोक कल्याणकारी प्रयासों के फलस्वरूप भामाशाह योजना के तहत अब तक 132 लाख से अधिक परिवारों तथा 473 लाख से अधिक व्यक्तियों का नामांकन किया जा चुका है तथा 5181 करोड़ रुपये से अधिक की राशि विभिन्न योजनाओं के तहत लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे हस्तांतरित की जा चुकी है एवं लगभग 23 हजार 500 माइक्रो एटीमए, बैंकिंग संवाददाता एवं ई-मित्रों के माध्यम से घर के नजदीक नकद आहरण की सुविधा प्राप्त हो रही है तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली की लगभग 25 हजार उचित मूल्य की दूकानों पर रसद सामग्री का वितरण ईपीडीएस के माध्यम से हो रहा है। प्रदेश के सभी परिवारों का भामाशाह नामांकन ई-मित्र केन्द्रों पर निःशुल्क किया जा रहा है। इतना ही नहीं बल्कि इसमें नामांकित सभी बीपीएल, स्टेट बीपीएल, अन्त्योदय व अन्नपूर्णा में चयनित परिवारों की महिला मुखिया के बैंक खाते में 2000 रुपये सहायता राशि के रूप में प्रदान की जा रही है जिससे वे भी बैंकिंग व्यवस्था को भली भांति समझ सकें।
भामाशाह योजना के अन्तर्गत मिलने वाले सभी नकद और गैर नकद लाभ बिना किसी विलम्ब और परेशानियों के पूर्ण पारदर्शिता के साथ सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जमा होते हैं। जिसे घर के नजदीकी बैंक, बैंकिंग संवादकर्ता माइक्रो अथवा एटीएम मशीन एवं ई-मित्र से आहरित किया जा सकता है। लाभार्थी के हर राजकीय वित्तीय लेन-देन की सूचना लाभार्थी के मोबाइल पर उपलब्ध करवाई जाती है। भामाशाह कार्ड बायो-मैट्रिक सहित कोर बैंकिंग का सुनिश्चित करता है। बैंक खाते से राशि लाभार्थी के अलावा किसी अन्य द्वारा निकाला जाना संभव नहीं है। भामाशाह योजना के माध्यम से राज्य के नागरिकों को हर संभव राहत देने का सतत् प्रयास किया जा रहा है।
आमजन तक योजना का लाभ पहुंचाने के लिए राज्य में संचालित 40 हजार से अधिक ई-मित्र केन्द्रों को स्थायी नामांकन केन्द्र घोषित कर इन केन्द्रों पर भामाशाह नामांकन अद्यतन, कार्ड वितरण, बैंकिंग आदि की अनेक सुविधाएं प्रदान की जा रही है। नरेगा भुगतान से लेकर पेंशन, छात्रवृति व अन्य लोक कल्याणकारी योजनाओं की राशि भी इन सभी केन्द्रोें पर आवश्यकतानुसार प्राप्त की जा सकती है। इस प्रकार भामाशाह योजना खुशहाल राजस्थान के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रही है।