भौतिक सुविधाएं जितनी बढ़ रही है मानव जीवन उतना ही संघर्षमय होता जा रहा है। भले ही आज का बौद्धिक वर्ग इसे स्वीकार नहीं करें मगर यह सच है। तभी तो भागदौड़ भरी जिन्दगी में हम कई बीमारियों को इन भौतिक सुख-सुविधाओं से ग्रहण कर रहे हैं। हमारा भोजन जो अधिकतर घरों में ही बनता है, हम उसे भी दूषित बना देते हैं जब उसे गरम व सुरक्षित रखने के लिए एल्युमिनियम फाॅइल पेपर में पैक किया जाता है। ज हमारी सेहत के लिए सुरक्षित है और पौष्टिक नहीं है। वह गरम रह सकता है लेकिन इसके निरंतर प्रयोग से बीमारियों को निमंत्रण देते हैं। रेस्टोरेंट, होटल, घरों और ढाबों में भी पैकिंग में भी डिलीवरी वाले खाने में इसका प्रयोग कर रहे हैं।
आज के लोग इस वास्तविकता से दूर है कि यह फाॅइल पेपर हमारी सेहत का दुश्मन है, तभी तो आज जानकारी के अभाव में हर कोई इसमें खाना पैक करना पसंद करता है। दरअसल गर्म खाना फाॅइल से अधिक मात्रा में एल्युमिनियम सोंख लेता है। मसालेदार खाने के लिए यह और भी खतरनाक है।
शोध बताते हैं कि भोजन में एल्युमिनियम की मात्रा बढ़ने से किडनी, ऑस्टियोपोरोसिस, डिमेंशिया जैसी बीमारियों का कारण बनता है। इसलिए गर्म खाने को फाॅइल में पैक नहीं करें। इसकी बजाय सूती कपड़े का इस्तेमाल करें।
एल्युमिनियम फाॅइल पेपर के उपयोग से होने वाली हानि
एल्युमिनियम फाॅइल पेपर में पैक खाने से अल्जाइमर, डिमेंशिया आदि का खतरा बढ़ जाता है।
किडनी की बीमारी और अस्थमा से जुड़ी परेशानी भी हो सकती है।
एल्युमिनियम फाॅइल पेपर में रसायन वाला भोजन रखना हानिकारक है।
भोजन की पैकिंग में एयर टाइट कंटेनर का इस्तेमाल करना ठीक है।