- संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्त है।
- देश में विश्व का लगभग 5 प्रतिशत कच्चा तेल खपत होता है।
- भारत कुल घरेलू उपभोग का लगभग 16 प्रतिशत कच्चा तेल उत्पादित करता है, जबकि शेष 84 प्रतिशत खपत की आवश्यकताएं आयात से पूर्ण होती है।
- भारत के कच्चे तेल के कुल उत्पादन (30 एम.एम.टी.पी.ए.) में राज्य का योगदान लभगभ 20 प्रतिशत (6 मिलियन मैट्रिक टन प्रतिवर्ष) है और यह बॉम्बे हाई, जोकि लगभग 40 प्रतिशत का योगदान देता है, के बाद दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।
- राज् में पेट्रोलियम उत्पादक क्षेत्र निम्नलिखित 4 पेट्रोलीफेरस बेसिन के अन्तर्गत लगभग 1,50,00 वर्ग किमी. (14 जिले) क्षेत्र में विस्तृत है।
2. जैसलमेर बेसिन : जैसलमेर जिला
3. बीकानेर—नागौर बेसिन : बीकानेर, नागौर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ एवं चूरू
4. विंध्ययन बेसिन : कोटा, बारां, बूंदी, झालावाड़ तथा भीलवाड़ा एवं चित्तौड़गढ़ जिलों का कुछ हिस्सा
कच्चे तेल एवं प्राकृतिक गैस का दोहन, उत्पादन एवं विकास की गतिविधियां
- मंगला तेल क्षेत्र से खनिज तेल का व्यावसायिक उत्पादन 29 अगस्त, 2009 से प्रारम्भ हुआ और वर्तमान में 14 क्षेत्रों मंगला, भाग्यम, ऐश्वर्या, सरस्वती, रागेश्वरी, कामेश्वरी एवं अन्य सेटेलाइट क्षेत्र से लगभग 1,16,000 बैरल्स खनिज तेल का प्रतिदिन उत्पादन किया जा रहा है।
- वित्तीय वर्ष 2021—22 (दिसम्बर, 2021 तक) के दौरान बाड़मेर—सांचौर बेसिन से कुल 44.68 लाख मैर्टिक टन खनिज तेल का उत्पादन केयर्न वेदान्ता द्वारा किया गया तथा जैसलमेर एवं बाड़मेर—सांचौर बेसिन से लगभग 1,346.30 एम.एम.एस.सी.एम. प्राकृतिक गैस का उत्पादन केयर्न वेदान्ता, फोकस एनर्जी, ओ.एन.जी.सी.एल एवं ऑयल इण्डिया लिमिटेड द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 (दिसम्बर, 2021 तक) के दौरान किया गया है।
- बाड़मेर-सांचौर बेसिन में खोजे गए 38 क्षेत्रों में कुल लगभग 205 मिलियन बैरल तेल के प्रमाणित भण्डार का आंकलन किया गया है।
- वित्तीय वर्ष 2021-22 (दिसम्बर, 2021 तक) के दौरान 2903.14 करोड़ राजस्व अर्जित किया गया है।
- मैसर्स फोकस एनर्जी द्वारा 8 जुलाई, 2010 से प्राकृतिक गैस का उत्पादन आरम्भ किया गया और वर्तमान में रामगढ़ विद्युत संयंत को आपूर्ति करने के लिए 3 लाख क्यूबिक मीटर प्रतिदिन उत्पादन किया जा रहा है।
- जैसलमेर जिले के बाघेवाला क्षेत्र से लगभग 43,624 बैरल भारी तेल का दोहन किया गया। वर्तमान में 150 बैरल प्रतिदिन भारी तेल का उत्पादन किया जा रहा है।