किसे मिला राष्ट्रीय दल का दर्जा?
अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस दल को 2 सितंबर, 2016 को निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रीय दल के रूप में मान्यता प्रदान की।
क्यों?
चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 द्वारा राष्ट्रीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त करने के लिए निर्धारित मानदंडों में से एक-चार राज्यों (पश्चिम बंगाल, मणिपुर, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश) में राज्य स्तरीय राजनीतिक दल के रूप में मान्यता, मानदंड को पूरा किया।
क्या हैं मानदंड?
चुनाव चिह्न (आरक्षण व आवंटन) आदेश 1968 द्वारा राष्ट्रीय दलों एवं राज्य स्तरीय दलों के लिए निर्धारित मानदंड इस प्रकार हैं-
(क) राष्ट्रीय दल के लिए-
(i) लोक सभा या विधान सभा के किसी आम चुनाव में उस राजनीतिक दल को 4 राज्यों के कुल वैध मतों में से 6 प्रतिशत प्राप्त हुए हों और उसने 4 लोक सभा की सीटें जीती हों।
(ii) उस राजनीतिक दल को तीन अलग-अलग राज्यों की लोक सभा सीटों की 2 प्रतिशत सीटें प्राप्त हुई हों।
(iii) किसी राजनीतिक दल को 4 या अधिक राज्यों में राज्य स्तरीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त हो।
(ख) राज्य स्तरीय दलों के लिए-
(i) किसी दल ने राज्य विधान सभा चुनाव में कुल वैध मतों का 6 प्रतिशत प्राप्त किया हो तथा संबंधित राज्य में 2 सीट प्राप्त किया हो।
(ii) कोई दल लोक सभा चुनाव में उस राज्य से कुल वैध मतों का 6 प्रतिशत प्राप्त करता है तथा संबंधित राज्य में लोक सभा की कम से कम 1 सीट जीती हो।
(iii) किसी दल ने राज्य की विधान सभा के कुल स्थानों का 3 प्रतिशत या तीन सीटें, जो भी ज्यादा हों, प्राप्त किया हो।
(iv) यदि प्रत्येक 25 सीटों में से किसी दल ने लोक सभा की कम से कम 1 सीट जीती हो या लोक सभा के चुनाव में उस संबंधित राज्य में उसे विभाजन से कम से कम इतनी सीटें प्राप्त की हों।
(v) कोई दल लोक सभा अथवा विधान सभा चुनाव में कुल वैध मतों का 8 प्रतिशत प्राप्त कर लेता है।
लाभ
राष्ट्रीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल को पूरे देश में अपने उम्मीदवारों के लिए सुरक्षित चुनाव चिह्न आवंटित करने का विशेष अधिकार प्राप्त होता है।
राष्ट्रीय दलों की वर्तमान संख्या
अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस को राष्ट्रीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त होने के उपरांत राष्ट्रीय दलों की संख्या बढ़कर 7 हो गई है। जिनका विवरण इस प्रकार है :
1. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC)
2. भारतीय जनता पार्टी (BJP)
3. बहुजन समाज पार्टी (BSP)
4. भारतीय साम्यवादी दल (CPI)
5. भारतीय साम्यवादी दल (मार्क्सवादी) [CPI(M) ]
6. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP)
7. अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (AITMC)।’
निष्कर्ष
यद्यपि भारतीय संविधान में राजनीतिक दलों का प्रत्यक्ष उल्लेख नहीं है, फिर भी 52वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1985 द्वारा संविधान की दसवीं अनुसूची में दल-बदल कानून के संदर्भ में इनका उल्लेख मिलता है। राजनीतिक दलों का नियमन संवैधानिक निकाय निर्वाचन आयोग द्वारा किया जाता है। चुनाव चिह्न (आरक्षण व आवंटन) आदेश, 1968 द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार समय-समय पर राजनीतिक दलों को राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय दल के रूप में मान्यता प्रदान की जाती है। वर्ष 1952 में जहां 14 राष्ट्रीय राजनीतिक दल थे, वहीं वर्तमान में 7 राष्ट्रीय राजनीतिक दल हैं। निर्वाचन आयोग द्वारा 22 अगस्त, 2016 को नियमों में संशोधन के तहत यह निर्धारित किया गया कि राजनीतिक दलों के दर्जे की समीक्षा अब 5 वर्ष की बजाय 10 वर्ष पर की जाएगी। अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस को इस नए नियम का लाभ मिला है, जिसके तहत उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त हुआ है। इस संशोधन से बसपा, एनसीपी और सीपीआई जैसे दलों को बड़ी राहत मिली है क्योंकि वर्ष 2014 के लोक सभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के कारण इन पर राष्ट्रीय दल का दर्जा छिनने का खतरा मंडरा रहा था।