श्रीहरिकोटा। इसरो ने शुक्रवार को दक्षिण एशिया संचार उपग्रह जीसेट-9 को लॉन्च कर दिया है। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से शाम करीब पांच बजे जीसेट-9 को लॉन्च किया गया। इस उपग्रह से क्षेत्र के देशों के बीच संपर्क और मजबूत हो सकेगा।
यह जीओस्टेशनरी संचार उपग्रह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने तैयार किया है। सार्क के आठ में सात देश इस परियोजना में शामिल हैं। केवल पाकिस्तान ने अपना अंतरिक्ष कार्यक्रम होने का तर्क देते हुए खुद को बाहर रखा।
पीएम मोदी ने दी बधाई
पीएम नरेंद्र मोदी ने दक्षिण एशिया संचार उपग्रह जीसेट-9 की लॉन्चिंग पर बधाई भी दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि सार्क सेटेलाइट लॉन्च होना ऐतिहासिक है। ये नई संभावनाओं के द्वार खोलेगा। सार्क सेटेलाइट से दक्षिण एशिया को काफी फायदा होगा।
235 करोड़ रुपये की लागत वाला यह उपग्रह 12 केयू बैंड ट्रांसपोंडर के जरिये सेवा मुहैया कराएगा। यह मिशन 12 वर्षो तक सक्रिय रहेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मई 2014 में सत्ता संभालने के बाद इसरो के वैज्ञानिकों से सार्क उपग्रह विकसित करने को कहा था। बीते रविवार को प्रधानमंत्री ने 'मन की बात' में कहा था कि यह पड़ोसी मुल्कों के लिए भारत की तरफ से 'अमूल्य उपहार' होगा।
आठ सार्क देशों में से सात भारत, श्रीलंका, भूटान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और मालदीव इस प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं। पाकिस्तान ने यह कहते हुए इससे बाहर रहने का फैसला किया कि उसका अपना अंतरिक्ष कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य दक्षिण एशिया क्षेत्र के देशों को संचार और आपदा सहयोग मुहैया कराना है।
12 साल है जीसैट-9 की लाइफटाइम
जीसैट को चेन्नई से करीब 135 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लांचिंग पैड से लांच किया। इसरो ने बताया कि जीसैट-9 मिशन के ऑपरेशन का 28 घंटे का काउंटडाउन बृहस्पतिवार दोपहर 12:57 बजे शुरू हुआ। इसका मिशन लाइफटाइम 12 साल का है।